विक्रमादित्य मोटवाने की नवीनतम फिल्म ‘Ctrl’को दर्शकों के सामने एक नई दृष्टि पेश करने का प्रयास करती है,और जिसमें अनन्या पांडे मुख्य भूमिका में हैं। यह फिल्म तकनीक, व्यक्तिगत संबंधों और आत्म-खोज की जटिलताओं को छूने का प्रयास करती है, लेकिन अफसोस कि यह अपने उद्देश्यों में पूरी तरह सफल नहीं हो पाती लेकिन ।
कहानी का आधार
‘Ctrl’ की कहानी एक युवा व्यक्ति के इर्द-गिर्द घूमती है जो अपनी ज़िंदगी को एक ऐप के माध्यम से नियंत्रित करने का प्रयास करता है। यह कहानी आधुनिक युग की उन चुनौतियों को दर्शाती है, जहां तकनीक हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन चुकी है। अनन्या पांडे का किरदार इस युवक के जीवन में प्रवेश करता है और उसके विचारों और दृष्टिकोण को चुनौती देता है। लेकिन, कुछ कहानी में गहराई और जटिलता की कमी है, और जिससे पात्रों का विकास और उनकी आंतरिक संघर्षों को समझना मुश्किल हो जाता है। और
पात्रों का विकास
फिल्म में अनन्या पांडे का प्रदर्शन निराशाजनक नहीं है, लेकिन उनके किरदार की गहराई की कमी खटकती है। उनका किरदार बहुत जल्दबाजी में विकसित होता है, और इस कारण से दर्शक उनके साथ भावनात्मक रूप से जुड़ नहीं पाते। दूसरे पात्र भी एक-dimensional हैं; उनकी पृष्ठभूमि और व्यक्तित्व को समझने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया है।
निर्देशन और लेखन
विक्रमादित्य मोटवाने एक कुशल निर्देशक माने जाते हैं, लेकिन इस फिल्म में उनकी निर्देशन क्षमता कमजोर पड़ती है। कहानी का प्रवाह असंगत है और कई जगहों पर यह गति खो देती है। संवाद भी सामान्य हैं और कभी-कभी फिल्म की गंभीरता को हल्का कर देते हैं। ऐसा लगता है कि लेखन में गहराई और ताजगी की कमी है, जिससे फिल्म एक स्तर पर स्थिर रह जाती है।
JUST WATCHED 'CTRL' AND I'M SHAKEN! This movie exposes Al's dark side. Major wake-up call! Be cautious!
— Emaannn (@emaannn____) October 4, 2024
Trust me, this film is a MUST-WATCH! pic.twitter.com/cfoJlRooRU
तकनीकी पहलू
फिल्म की तकनीकी गुणवत्ता, जैसे कि सिनेमैटोग्राफी और संपादन, औसत से ऊपर है। कुछ दृश्य दृश्यात्मक रूप से आकर्षक हैं और अच्छी तरह से शूट किए गए हैं, लेकिन तकनीकी पहलू कहानी को बेहतर बनाने में सहायक नहीं हो पाते। लेकिन बैकग्राउंड स्कोर ठीक है,और लेकिन यह कभी-कभी दृश्य की गंभीरता को कम कर देता है। और
निष्कर्ष
‘Ctrl’ एक ऐसी फिल्म है जो आधुनिक जीवन की जटिलताओं को दिखाने का प्रयास करती है, लेकिन यह अपनी मूलभूत समस्याओं को हल नहीं कर पाती। कहानी की कियता और पात्रों की सीमित विकास यात्रा इसे एक दो-आयामी अनुभव बनाती है। अनन्या पांडे और अन्य कलाकारों का प्रदर्शन ठीक है, लेकिन फिल्म की संपूर्णता में उनका योगदान सीमित लगता है । आगर आपको मूवी फ्री में देखनी है या डाउनलोड करनी है तो निचे कमेंट कर दें